
दोस्तों जैसा की आप सभी को पता होगा कि वायुसेना में पांच सुपरसोनिक राफेल लड़ाकू विमानों के शामिल होने के बाद अब इनकी संख्या छह हो गई है। और जैसे-जैसे इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है वैसे-वैसे भारतीय वायु सेना की भी ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। अंबाला एयरबेस पर राफेल विमानों को दो सुखोई एमकेआई विमान एस्कॉर्ट कर लाए थे।आपको बता दें कि फ्रांस निर्मित राफेल का पहला विमान RB 001 भारत को पिछले वर्ष अक्टूबर में मिला था। उस वक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद इसकी डिलीवरी लेने फ्रांस गए थे और उन्होंने इस विमान पर ऊँ बनाकर इसकी पूजा की थी।गौरतलब है कि भारत को फ्रांस से पूरे 36 राफेल विमान मिलने हैं, जिनमे से 6 राफेल मिल चुका है और बाकी 30 जल्द ही मिल जाएगा।इनमें से आधे विमान को अंबाला एयरबेस और आधे विमान को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। राफेल विमान को 11 गोल्डल ऐरा स्कवाड्रन के पायलट उड़ाएंगे, जिनकी ट्रेनिंग फ्रांस में पूरी हो चुकी है।
राफेल विमान की विशेषता

यह जेट एकसाथ जमीन से आसमान तक दुश्मनों को पस्त कर सकता है।इसकी ताकत का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि एक राफेल को रोकने के लिए पाकिस्तान को दो F-16 विमानों की जरूरत होगी।राफेल फाइटर जेट भारतीय वायु सेना की ताकत को नई उड़ान देनेवाला साबित होगा। क्योंकि भारतीय वायु सेना की जरूरतों के अनुसार इस विमान में काफी अडवांस्ड तकनीक का प्रयोग किया गया है। विमान जमीन पर दुश्मन को मात देने के साथ ही आसमान में भी विरोधियों को पस्त करने में सक्षम है। राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है। इस लिहाज से ये पाकिस्तान के F-16 या चीन के J-20 से बेहतर है। इस विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किमी है। इसका अर्थ है कि ये अपनी उड़ान वाली जगह से इतनी दूर हमला कर वापस लौट सकता है। इस विमान में हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता है। इसलिए ये एक ही समय में अधिक दूरी तय कर सकता है।ये मिसाइल आसमान से जमीन पर वार करने के लिए कारगर साबित हो सकती हैं क्योंकी इसमे HAMMER तथा Range missile लगा हुआ है,आपको बता दें कि HAMMER का इस्तेमाल मुख्य रूप से बंकर या कुछ छिपे हुए स्थानों को तबाह करना होता है,तथा Range Missile, इनका इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है। दोस्तों मिस्र और फ्रांस में पहले से ही राफेल जेट का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन भारत को मिलनेवाला राफेल अधिक अडवांस्ड तकनीक से लैस है।भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसमें कुछ अतिरिक्त फीचर्स भी जोड़े गए हैं।
जैसे,विमान में बहुत ऊंचाईवाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। जिससे लेह जैसी ऊंचाईवाली जगहों और ठंडे मौसम में भी विमान तेजी से काम कर सकता है।
विमान में हेल्मेट माउंटेड साइट्स और लक्ष्य को भेदने की प्रणाली है ताकि पायलट बहुत कम समय में missile को शूट कर सकें।
अगले 50 सालों तक के लिए फ्रेंच इंडस्ट्रियल सपोर्ट भी मिलेगा।
मिसाइल अटैक का सामना करने के लिए विमान में खास तकनीक का प्रयोग किया गया है।
एशिया में बढ़ेगी भारत की ताकत

लड़ाकू विमान राफेल मिलने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। जिससे चीनी तथा पाकिस्तानी वायु सेना पर राफेल के शामिल होने के बाद से बहुत अधिक दबाव बढ़ेगा। रफेल जेट के आने के बाद एशियाई देशों में वायु सेना मामले में भारत को जबरदस्त बढ़त मिल गई है। जल्द ही इस विमान को वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। जिससे अब भारत को कोई भी पड़ोसी देश आंख नहीं दिखा पायेगा।भारतीय सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देगा फ्रांस से मिलने वाला राफेल लड़ाकू विमान। यह विमान कई तरह की मिशालों समेत परमाणु बम गिराने में भी सक्षम है।
राफेल लड़ाकू विमान की क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह 55000 फुट ऊंचाई से भी दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना लगाकर उन पर बम गिरा सकता है।
राफेल लड़ाकू विमान अत्याधुनिक फाइटर प्लेन यूरोफाइटर टायफून, ब्लॉक60, मिग-35,सुपर हॉर्नेट, साब ग्रिपिन जैसे फाइटर जेट की टक्कर का है।
राफेल का भारत में प्रवेश
भारत की फ्रांस से 128 अत्याधुनिक लड़कू विमान “राफेल” खरीदने की डील हुई थी इसके तहत 36 विमान फ्रांस से आने वाले है,जिसमें से 6 रफेल आ चुके है बाकी के 30 जल्द ही मिलने वाले हैं, जबकि 108 विमानों का निर्माण भारत में किया जाएगा। फ्रांसिसी भाषा में राफेल का मतलब तूफान होता है और यह एक ऎसा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है जिसके भारतीय सेना में शामिल होने पर उसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। भारत के पास राफेल आते ही चीन और पाकिस्तान जैसे देश हवाई हमलों के मामलों में भारत से खौफ खाने लगेगें । अभी हाल फिलहाल सिर्फ दो ही देशों के पास है राफेल विमान,लेकिन अब
भारत दुनिया का तीसरा ऎसा देश है जो राफेल विमान की ताकत रखने वाला है। फिलहाल इस बेहद खतरनाक लड़ाकू विमान को फ्रांस की वायुसेना, जलसेना और थल सेना के अलावा मिश्र की सेना के पास है।
आपको बता दे कि भारत देश के साथ -साथ इन 6 देशों की भी ताकत बनेगा राफेल- विमान
दो इंजन वाले इस फ्रांसिसी विमान की ताकत को देखते हुए भारत और मिश्र के अलावा स्पेन, यूके,जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रिया और सऊदी अरब भी इसे खरीदने की तैयारी कर चुके है। इन सभी 6 देशों को कुल मिलाकर 707 विमान,फ्रांस बेचेगा।
राफेल डील को लेकर कुछ घरेलू विवाद
राफेल विमान को लेकर एक तरफ जहां भारत के लोगो में उत्साह है वहीं दूसरी तरफ कुछ राजनैतिक विवाद भी सामने आ रहे है।यूपीए सरकार कह रही है कि हमारे समय में एक राफेल की कीमत लगभग 600 करोड़ रुपए में तय हुई थी।लेकिन एनडीए सरकार में यह डील1600 करोड़ रुपए में हुई है।
इसके जवाब में एनडीए सरकार का कहना है कि अब जो राफेल डील हुई है उसमें राफेल के साथ मेटिओर और स्कैल्प मिसाइलें भी मिलेंगी। मेटिओर 100 किलोमीटर, जबकि स्कैल्प 300 किलोमीटर तक सटीक निशाना साध सकती हैं। इनमें ऑन बोर्ड ऑक्सीजन रिफ्यूलिंग सिस्टम भी लगा है। सरकार का दावा है कि राफेल बनाने वाली ‘दसॉल्त’ कंपनी इसे भारत की भौगोलिक परिस्थितियों और जरूरतों के हिसाब से डिजाइन करेगी। इसमें लेह-लद्दाख और सियाचिन जैसे दुर्गम इलाकों में भी इस्तेमाल करने लायक खास पुर्जे लगाए जाएंगे।
दोस्तों,इस लेख को लिखने के लिए मैंने कुछ शब्द न्यूजपेपर तथा न्यूज चैनल से लिए है।आपको यह लेख कैसा लगा मुझे कॉमेंट कर के जरूर बताएं
