दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते होंगे कि स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त का दिन नजदीक है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण इस बार उत्साह कुछ फीका रहेगा, लेकिन इस बात की चर्चा अभी से होने लगी है कि लाल किले से “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी क्या स्पीच देंगे”, “पीएम मोदी इस बार क्या बड़ा ऐलान करने जा रहे हैं”, माना जा रहा है कि पीएम मोदी वन नेशन वन हेल्थ कार्ड या एक देश एक स्वास्थ्य कार्ड की घोषणा कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो यह स्वास्थ्य सेवा के लिहाज से बड़ा कदम होगा, क्योंकि इस कार्ड के माध्य्म से लोग देश के किसी भी हिस्से में इलाज करवा पाएंगे।
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड योजना के तहत, क्लीनिक और डॉक्टर सभी एक केंद्रीय सर्वर से जुड़े होंगे। हालांकि, यह पूरी तरह से अस्पतालों और नागरिकों पर निर्भर करेगा कि वे ‘वन नेशन वन हेल्थ कार्ड’ योजना में शामिल होना चाहते हैं या नहीं। इस कार्ड के लिए आवेदन करने वाले प्रत्येक नागरिक को एक विशिष्ट आईडी जारी की जाएगी, जिसके माध्यम से वह सिस्टम में लॉग इन कर सकेगा।
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड’ योजना के तहत, कार्ड में लोगों के मेडिकल इतिहास का रिकॉर्ड होगा। जिसमें एक व्यक्ति द्वारा कराए गए सभी उपचार और परीक्षण शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस पूरे रिकॉर्ड को केवल डिजिटल फॉर्मेट में रखा जाएगा।
बिना सहमति के कोई और नहीं देख पायेगा आपका रिपोर्ट
इस योजना में गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा, किसी भी व्यक्ति की हेल्थ प्रोफाइल बिना उसकी अनुमति से कोई नहीं देख सकेगा ना डॉक्टर ना ही कोई हॉस्पिटल का स्टाफ।
इस योजना का दायरा बाद में व्यापक होगा, जिससे ना सिर्फ डॉक्टर, हॉस्पिटल, क्लीनिक, बल्कि मेडिकल स्टोर, मेडिकल इंश्योरेंस प्रोवाइड करने वाली कंपनियां सभी इसके जरिए सर्वर से कनेक्टेड रहेंगी।
हेल्थ कार्ड बनने पर अगर कोई डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाता है, तो उसकी सहमति से डॉक्टर उसका रिकॉर्ड ऑनलाइन देख सकेंगे,
इसके लिए ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है कि किसी का व्यक्तिगत डाटा उसकी सहमति के बगैर कोई दूसरा नही देख सकता। इसके लिए मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड जैसी सुविधा दी जा सकती है।
मान लीजिये किसी ने अगर अपना कोई हेल्थ का टेस्ट करवा रखा है तो उसकी डिटेल भी एक जगह ऑनलाइन उपलब्ध होगी उसे डॉक्टर को दिखाया जा सकता है।
हर नागरिक का एक सिंगल यूनिक आइडी जारी किया जाएगा। आईडी मिलने के बाद उसी आईडी पर login होगा, चरणबद्ध तरीके से इसको लागू किया जाएगा।
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड का उद्देश्य
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड योजना के लागू होने से इलाज कराने के लिए आपको पर्चे और टेस्ट रिपोर्ट लेकर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि सभी का एक हेल्थ कार्ड होगा।
जिसमें होने वाले ट्रिटमेंट और टेस्ट की पूरी जानकारी सेव रहेगी। डॉक्टर कहीं से भी बैठकर आपकी यूनिक आईडी के जरिए सारा मेडिकल रिकॉर्ड देख सकेगा।
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड का लाभ
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कोई भी व्यक्ति जो देश में कही भीं डॉक्टर के पास या अस्पताल जाता है तो, उसे अपने साथ पिछली जांच रिपोर्ट या इलाज का ब्यौरा साथ नहीं ले जाने पड़ेंगे। डॉक्टर यूनिक आईडी के जरिए मरीज के रिकॉर्ड देख पाएंगे।
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड को आधार कार्ड की तरह ही बनाया जाएगा
दोस्तों आपको बता दूं कि यह हेल्थ कार्ड आधार कार्ड की तर्ज पर बनाया जाएगा। हालांकि, यह अनिवार्य नहीं होगा और लाभार्थी किसी भी समय योजना से बाहर निकल सकेंगे। लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए पूर्ण उपाय किए जाएंगे।
‘वन नेशन वन हेल्थ कार्ड’ योजना का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा ताकि न केवल क्लीनिक और अस्पताल बल्कि मेडिकल स्टोर और मेडिकल इंश्योरेंस कंपनियां भी इस योजना के जरिए सर्वर से जुड़ सकें। लोगों की निजता का अत्यधिक महत्व होगा। एक डॉक्टर या अस्पताल को किसी व्यक्ति के रिकॉर्ड का उपयोग करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब वह उसी के लिए अनुमति देगा।
इस योजना के लिए 470 करोड़ रुपये की मिली मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना की शुरुआत पहले देश के चुनिंदा राज्यों में की जाएगी और इसके बाद अलग-अलग चरणों में देशभर में लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए वित्त मंत्रालय ने 470 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी है। इस योजना में हेल्थ आईडी धारकों के डाटा की गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा। उनकी मर्जी के बिना उनकी जानकारी किसी और को नही मिल पाएगी। इस यूनिक हैल्थ आईडी को लोग आधार कार्ड से भी जोड़ सकते हैं, इसके लिए भी विकल्प खुला रहेगा।
कैसे काम करेगी वन नेशन वन हेल्थ कार्ड योजना
दोस्तों आपको बता दूं कि इस योजना के तहत अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर सभी एक सेंट्रल सर्वर से लिंक रहेंगे। अस्पताल और नागरिकों के लिए अभी ये उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा कि वो इस मिशन से जुड़ना चाहते है या नहीं। हर नागरिक का एक सिंगल यूनिक आइडी जारी होगा। उसी आधार पर लॉगिन होगा। सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी।